मेरी कहानी प्रेम कि आदि आदि - 1 Roshan baiplawat द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी कहानी प्रेम कि आदि आदि - 1

इस कहानी में मैं आपको अपने प्यार की जीवन सैली बताने वाला हूं।।
की किस कदर मेरा प्यार शुरू हुआ। और किस कदर समाप्त होगी ??

मेरा नाम रोशन है और मैं स्कूल से ही एक लड़की को चाहता था। उसका नाम अंजली था।
यह बात तब की है जब मैं क्लास 11th में था? (2017)
और वह 10th में थी
वह मुझे पहली बार दिखी थी अपनी क्लास में जब मैं सर को रजिस्टर देने गया

और जब उसे देखा तो मैं उसे देखते ही रह गया

मानो कोई मेरे सामने एक परी आ गई हो

तब से मैं उसे बहुत चाहने लगा था।

इंटरवेल के समय सारे दोस्त खाना खाने चले जाते थे लेकिन मैं उसे देखने के लिए बाहर खड़ा रहता था।

उसकी क्लास में वह हर बार फर्स्ट आई थी।

और मेरी क्लास में मैं हर बार फर्स्ट आता था।

उसकी क्लास में सर ने मेरे बारे में कुछ अच्छी बातें बोली।

तब से वह मुझे नोटिस करने लगी।

और कहीं मन ही मन में वह भी मुझे चाहने लगी।

अभी तक उसको कई लड़कों में प्रपोज कर दिया था लेकिन उसने किसी का भी एक्सेप्ट नहीं किया।

और वह मेरे बारे में सुनकर

मुझे देखकर ।

लंच टाइम में। मेरी क्लास में आना शुरू हो गई।

और मेरी क्लास की लड़कियों से दोस्ती करके मेरी सीट पर बैठ जाती थी

और जब मुझे पता चला तो में भी क्लास के अंदर ही रहा करता था

और मुझे देखकर उसका प्यार कुछ ज्यादा ही उमड़ जाता था।

उसका वह बोलना हसना इशारे करना मैं भी देखता रहता था

और वह वहा पर चॉकलेट की पनियों का कचरा पेहला जाती थी

कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा।

फिर मुझे बाद में पता चला कि वह चॉकलेट की पननी में कुछ चॉकलेट वहां रख जाती थी।

यह बात मुझे मेरी क्लास की लड़कियों ने बताएं।

लेकिन तब तक उस पन्नी को उठाकर मेरे दोस्तों ने कचरे के डिब्बे में डाल दिया था ।

लेकिन next day मैं वहीं पर रहा।

और उसके जाते ही मैंने उस चॉकलेट को वहां से उठा

लिया।

और जब उसको खोल कर देखा तो उसमें सच में चॉकलेट थी

और तभी लंच बंद हो गई थी।

और मैं अपनी क्लास को छोड़कर।

उसकी क्लास में सर को पानी पिलाने के बहाने चला गया ।

और मैंने सर से कहा सर चॉकलेट सेहत के लिए अच्छी नहीं होती ना। उसे नहीं खाना चाहिए।

तो सर ने कहा । हां बेटा चॉकलेट गंदी चीज होती है नहीं खाना चाहिए और तू भी मत खाना।

तो मैंने कहा सर इस क्लास में से मैंने बहुतों को देखा है चॉकलेट खाते हुए।

फिर यह बोलकर मैं वहां से आ गया था

और वह भी मेरी क्लास में आकर सर से बोली

की सर किसी की झूठी चॉकलेट खाना अच्छी बात है क्या।

तो सर ने कहा। इससे बैक्टीरिया फैलते हैं नहीं खाना बेटा किसी की झूठी चॉकलेट।

1 साल हमारी बात इशारों में ही होया करती थी

11th कक्षा में मैंने कभी उससे बात नहीं की

ना उसने कभी मुझसे बात करी।। 1 ।।

मेरी कहानी आगे सुनने के लिए फॉलो करें।